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275 / हीर / वारिस शाह
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जदों करम अलाह दा करे मदद बेड़ा पार हो जाए निमानयों दा
लैणा करज़ नाहीं बूहे जा वहीए केहा तान है असां नितानयां दा
मेरे करम सवलड़े आन जागे खेत जंमया भुंनयां दानयां दा
वारस शाह मियां वडा वैद रांझा सरदार है सभ सिआनयां दा
शब्दार्थ
<references/>