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333 / हीर / वारिस शाह

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मरद करम दे नेक ने सहतीए नी रन्नां दुशमनां नेक कमाइयां दियां
तुसीं एस जहान विच हो रहियां पंज सेयिां धड़ धड़वाइयां दियां
मरद हैन जहाज जो नेकियां दे रन्नां बेड़ियां हैन बुरयाइयां दियां
मां बाप दा नाम नमूज डोबन पतां लाह सुटन भलयां भाइयां दियां
हड मास हलाल हराम कपन एह कुहाड़ियां तेज कसाइयां दियां
लबां लैंदियां साफ कर देन दाढ़ी जेहीयां कैंचियां तेज कसाइयां दियां
सिर जाए ना यार दा भेत देईए शरमां रखिए अखियां लाइयां दियां
आडा नाल फकीरां दे लांदियां ने खूबियां वेख ननाण भरजाइयां दियां
वारस शाह तेरे मुंह नाल मारां पंडीं बन्न के सभ बुरयाइयां दियां

शब्दार्थ
<references/>