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343 / हीर / वारिस शाह

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कारसाज है रब्ब ते फेर दौलत सभ मेहनतां पेट दे कारने नी
पेट वासते फिरन अमीर दर दर सयद जादयां ने गधे चारने नी
पेट वासते हूर ते परीजादां जान जिन्न ते भूत दे वारने नी
पेट वासते सब खराबियां ने पेट वासते खून गुजारने नी
पेट वासते फकर तसलीम<ref>रब्ब की रजा में राजी</ref> तोड़न समझ लै सभ रन्ने गवारने नी
एस जिमीं नूं वांहदा मुलक मुका एथे हो चुके वडे कारने नी
गाहुनहोर ते राहक<ref>किसान</ref> नी होर एहदे खांवद हीर है होर दम मारने नी
मेहरब्बान जे होण फकीर इक पल तुसां जहे करोड़ लख तारने नी

शब्दार्थ
<references/>