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356 / हीर / वारिस शाह

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मथा वेख के करो इलाज इसदा रखां नजर जो दयो फरमा मैंनूं
नाडी वेख के एस दी करां कारी देवे उठ के हथ दिखा मैंनूं
रोग कास तों चलया करो जाहर मजा मूंह दा एह बता मैंनूं
वारस शाह मियां छती रोग कटां मलकुल<ref>मौत का फरिश्ता</ref> मौत दी याद दवा मैंनूं

शब्दार्थ
<references/>