Last modified on 5 अप्रैल 2017, at 13:30

366 / हीर / वारिस शाह

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:30, 5 अप्रैल 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हीर कन्न धरया एह कौन आया कोई एह तां है दरदखाह मेरा
जेहड़ा भौर ताजन मैंनूं आखदा है अते गधा बनाया सू चा खेड़ा
मतां कन्न पड़वाके मिएं रांझे घत मुंदरां ते लया राह मेरा
वारिस शाह मत कन्न पड़ाए रांझा घत मुंदरां मंनया हुकम तेरा

शब्दार्थ
<references/>