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368 / हीर / वारिस शाह
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घरों सखना फकर ना डूम जाये अनी खेड़यां दिए मगखोरीए नी
कोई बड़ी असां तकसीर<ref>अपराध</ref> है कीती सदा हुसन दा बखश लै गोरीए नी
जो कुझ सरे सो फकर नूं खैर दीजे नहीं देय जवाब चा टोरीए नी
वारस शाह कुझ रब्ब दे नाम देईए नहीं आजजां दा कुझ जोगीए नी
शब्दार्थ
<references/>