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372 / हीर / वारिस शाह

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छोटी उमर दियां यारियां बहुत मुशकल पुतर महरां दे खोलियां चारदे ने
कन्न पाड़ फकीर हो जान राजे दरद मंद फिरन विच बार दे ने
रन्नां वासते कन्न पड़ा राजे सभो जात सफात<ref>जात-पात</ref> नघार दे ने
जिन्हां रन्नां दे नेक नसीब होवन सजन आ बैठन कोल यार दे ने
धन माल सभो सिर वख करदे दीद बाझ<ref>ताड़ने वाले</ref> आशक दीदे मारदे ने
वारस शाह जां ज़ोक<ref>इशक</ref> लगे गदा जौहर निकलन असल तलवार दे ने

शब्दार्थ
<references/>