Last modified on 5 अप्रैल 2017, at 13:54

399 / हीर / वारिस शाह

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:54, 5 अप्रैल 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सहती आखया उठ खेल बांदी खैर पा फकीर नूं कडीए नी
आटा घतके ते देईए बुक चीनी विचों अलख फसाद दी वढीए नी
देह भिछया वेहड़यों कढ आईए होड़ा विच बरूहां दे गडीए नी
अमां आवे ते भाबी तों वख होईए साथ ऊठ बलद दा छडीए नी
जेहड़ा आकड़ां पया वखांवदा ए जरा वेहड़यों एसनूं कढीए नी
वारस शाह देनाल दो हथ करीए अनी उठ तंू सार दीए हडीए नी

शब्दार्थ
<references/>