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397 / हीर / वारिस शाह

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खुआर खजलां रूलदियां फिरदिां सी अखीं वेखदयां होर दियां होर होइयां
आप दुध दियां धोतियां नेकबख्तां अगे चोर दे असी नी चोर होइयां
चोर चैधरी गुंडी परधान कीती ए उलट अवलायां जोर होइयां
बद-जेब<ref>भोंडा, कुरूप</ref> तों कोझियां भैड़ मूंहियां अगे हुसन दे बागदियां मोर होइयां
एह चुगल बलोचां दी टुंब डिठी मिा दोज घूठी मनखोर<ref>मनमर्ज़ी</ref> होइयां
एहदी बनत देखो नाल नखरयां दे मालजादियां<ref>कंजरिआं</ref> विच लहौर होइयां

शब्दार्थ
<references/>