Lalit Kumar(चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:14, 5 अप्रैल 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
असां किसे दे नाल नहीं कुझ मतलब सिरो पा लै के खुशी हो रहे
लोकां मेहने मार बेपती कीती मारे शरम दे अदरी रो रहे
गुसे नाल एह वाल पैकान<ref>तीर</ref> वांगू साडे जिसम दे तीर खलो रहे
वारस शाह ना संग नूं रंग आवे लख सूहे जे विच डबो रहे