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452 / हीर / वारिस शाह

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वफादार ना रन जहान उते लांदी शेरदे नक विच नथ नाहीं
गधा नहीं कुलद<ref>जो लदा ना जा सके</ref> मनखट<ref>निखटू</ref> खोजा अत खसरयां दो काई कथ नाही
नामरद दी वार ना किसे गावी अते बुजदिलां दी काई सथ नाही
जोगी नाल ना रन्न दा टुरे टूना रोज रोज थी चड़े अगथ नाही
यारी सोंहदी नही सोहागना नूं रंडी रन्न दे सोहदी नथ नाही
वारस शाह ओह आप है करनहारा इहना धदयां दे कुझ हथ नाही

शब्दार्थ
<references/>