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462 / हीर / वारिस शाह
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मगर तितरां दे अन्ना बाज बाज छुटा जा चम्बड़े दाद<ref>बैल</ref> पतालूयां नूं
अन्ना घलया अम्ब अनार वेखन जा लगा ए लैन कचालूयां नूं
घलया फुल गुलाब दे तोड़ लयावी जा चमड़े तत समालूयां<ref>एक बूटी</ref> नूं
अन्ना मुहरे लाया काफले दे लुटवाया साथ दयां चालयां नूं
वारस शह तनूर विच दब बैठा अना घलया रंगन सालूयां नूं
शब्दार्थ
<references/>