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477 / हीर / वारिस शाह
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मिहतर<ref>मक्खी</ref> नूंह<ref>एक नाम</ref> दियां बेटियां जिद कीती डुब मोए नी छड टकानयां नूं
याकूब दयां पुतरां जुलम कीता सुनया होसीया यूसफ दयां बानयां नूं
हाबील कबील<ref>दो कबीलों का नाम</ref> दा जंग होया छड गए पैगम्बरी बानयां नूं
जे मैं जानदी मापयां बन्न देनी छड चलदी झंग मघयानयां नूं
खाहश हक दी कलम तकदीर वगी मोड़े कौन अलाह दे भाणयां नूं
किसे ततड़े वकत सी नेहुं लगा तुसां बीजया भुन्नयां दानयां नूं
साढे तिन्न हथ जिमी मुलक तेरा ऐवें कासनूं वल वलानयां नूं
गुंगा नाह कुरान दा होवे हाफज अन्ना वेखदा नहीं टटानयां नूं
वारस शाह अलाह बिन कौन पुछे पिछा टुटया अते नतानयां नूं
शब्दार्थ
<references/>