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479 / हीर / वारिस शाह

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जो कोई एस जहान ते आदमी ए रोंदा मरेगा उमर ते झूरदा जी
सदा खुशी नाहीं किसेनाल निभदी एह जिंदगी भेश जंबूर<ref>भौंरा</ref> दा जी
बंदा जीऊने दी नित करें आसा अजराईल सिर दे उते घूरदा जी
वासर शाह इक हशक दे खड़नहारा डाल डाल ते खाल खजूर दा जी

शब्दार्थ
<references/>