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485 / हीर / वारिस शाह
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तेरियां गल्हां ते दंदां दे दाग दिसन अज सोधियां ठाकरां चेलियां नी
अज नहीं अयालियां खबर लधी बबिआड़ ने पीड़ियां छेलियां नी
अज खेड़यां दे नाल मसतियां दे हथनियां हाथियां ते चा पेलियां नी
छुटा झांजड़ा बाग दे सुफे<ref>एक तरफ</ref> विचों लाह कूड़िया सभ जा मेलिया<ref>गर्भवती करना</ref> नी
थक टुट के घर कदी आ पईए लगियां मुठीयां भरन सहेलियां नी
शब्दार्थ
<references/>