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500 / हीर / वारिस शाह

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भाबी दस खां असीं जे झूठ बोला तेरी कल एहो जेही डौल सी नी
बागों धढ़कदी गरकदी आई ए तूं दस खेड़या दा तैनूं हौल सी नी
तेरी घोड़ी नूं अज अराम आया जेहढ़ी नित करदी पई औंल<ref>बेकरारी</ref> सी नी
बूटा सखना अज कर आई ए किसे तोड़ लया जेहढ़ा मौल सी नी

शब्दार्थ
<references/>