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518 / हीर / वारिस शाह
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हुकम हीर दा माउं तों लया सहती गल गिनी सू नाल सहेलियां दे
होइयां तयार दोवें ननान भाबी नाल चढ़े नी कटक अखेलियां दे
छडपासना तुरक बाजार चलो राह मार दे ने अठखेलियां दे
वारस शाह कसतूरी दे मिरग छुटे थइ पइआं शरीर मथेलिआं दे
शब्दार्थ
<references/>