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526 / हीर / वारिस शाह

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खेड़यां आखया केहड़ा घलीए जी जेहड़ा डिगे फकीर दी जा पैरीं
साडी करीं वाहर नाम रब्ब दे जी कोई फजल दा पलड़ा आ फेरी
सारा खोल के हाल अहवाल दसी नाल भिहरियां बरकतां विच डेरी
चलो वासते रब्ब दे नाल मेरे कदम घतयां फकर दे होन खेरी
दाम लायके हीर वयाह आंदी जंतर जोड़ के गए सा विच देरी
बैठ कोड़में<ref>एक खानदान</ref> गल पका छडी सैदा घलीए रलन ना ऐरी गैरी
जिवें जानसैं तिवें लया उसनूं करो मिन्नतां लावना हथ पैरी
वारस शाह मियां तेरा इलम होया मशहूर है जिसन इनस<ref>इनसान</ref> तैरी

शब्दार्थ
<references/>