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मरला केॅ नै मारऽ / खुशीलाल मंजर

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आबॅे नै लागै छै होतै तरान
देखी केॅ कलपै छै हमरऽ परान

की कमाय छी केनाँ केॅ खाय छी
दरदऽ केॅ पीबी केॅ हम्में जियै छी
भरलऽ बैसाखऽ में पछिया के तावऽ में
मुट्ठी चुटकी खायकेॅ रहै छी बहियारऽ में
देहऽ पर बस्तर नै रहै के स्तर नै
टुटलऽ खटिया छै होकरौ पर गुद्दड़ नै
केनाँ कहै छऽ हौतै निदान
केनां कहै छै होतै तरान

तोहरऽ घर भरलऽ छौं हमरऽ घर खाली
तैहियो तोहे झक्खै छऽ बक्कै छऽ गाली
लाठी चमकाबै छऽ देहो देखाबै छऽ
बकत पड़ला पर टटिया उजाड़ै छऽ
हम्में नैं जानैं छी की ऐलऽ छी लिखाय
जेकरौ लग बोलै छी लै छै लिलुआय
हरु घुरू हमरा की करै छऽ हरान
आबेॅ नै लागै छै होतै तरान

हम्में छी मरलऽ हमरा की मारै छऽ
मरलऽ चमड़ी केॅ कहिनें उदारै छऽ
की हरदम रहै छऽ दिमागऽ सें चूर
तहूं एक दिन जैबा यै दुनियाँ से दूर
धरम करऽ करम करऽ तबेॅ जइतों हाही
की तिगड़म लगाय केॅ करै छऽ तबाही
अभियो तेॅ छोड़ी देॅ होलऽ निनान
आबेॅ नै लागै छै होतै तरान