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मनौन / राजकुमार

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मैया हे, अइलोॅ छी हम दुअयिा से घुरी रे घुरी ना
भोर-भिनसर मइया, रात-दुपहरिया से घुरी रे घुरी ना
मैया हे, खोलोॅ नी केबड़िया से घुरी रे घूरी ना
मैया हे, ऐलोॅ छी हम दुअरिया से घुरी रे घूरी ना

आँखी ऐंगनमा मैया, तोहरे मुरतिया से घुरी रे घूरी ना
मैया हे, खोलोॅ नी झिंझिरिया से घुरी रे घूरी ना
मैया हे, अइलोॅ छी हम दुअरिया से घुरी रे घूरी ना

बिछलोॅ अन्हार मैया, महिषा डगरिया से घुरी रे घूरी ना
खुललोॅ साँपोॅ केरोॅ पेटरिया से घुरी रे घूरी ना
मैया हे, अइलोॅ छी हम दुअरिया से घुरी रे घूरी ना

कुँहकै पहाड़ मैया, कानै फूल-पतिया से घुरी रे घूरी ना
छलनी चन्दन रोॅ लकड़िया से घुरी रे घूरी ना
मैया हे, अइलोॅ छी हम दुअरिया से घुरी रे घूरी ना

गंगा गँदैलोॅ मैया, घेरनें अन्हरिया से घुरी रे घूरी ना
कौने सुनतै मोरोॅ अरजिया से घुरी रे घूरी ना
मैया हे, अइलोॅ छी हम दुअरिया से घुरी रे घूरी ना

भाँगलोॅ नजरिया मैया, फाटलोॅ चदरिया से घुरी रे घूरी ना
मैया टूटी-गेलोॅ कमरिया से घुरी रे घूरी ना
मैया हे, अइलोॅ छी हम दुअरिया से घुरी रे घूरी ना

तोहीं मैया आग-पानी, बदरी-बिजुयिा से घुरी रे घूरी ना
अँचरा माँगै माय इंजोरिया से घुरी रे घूरी ना
मैया हे, अइलोॅ छी हम दुअरिया से घुरी रे घूरी ना