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पापा को-जन्मदिवस पर / मंजुश्री गुप्ता

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सोचती रही
क्या करूँ?
आपके जन्म दिवस पर
प्यारे पापा
खरीदूं कोई कीमती तोहफा?
मगर वह उस दगी से
ज्यादा कीमती कहाँ हो सकता है
जो आपने मुझे दी?
लाऊं कोई बड़ा ,महंगा कार्ड?
सुन्दर सुन्दर शब्दों से सजा?
मगर वे शब्द
उनसे सुन्दर कहाँ हो सकते हैं
जो आपने मुझे सिखाये?
मुझे अभी भी याद है
वो गुलाबी फ्राक
जो आपने पार्सल की थी
मेरे जन्म दिवस पर
जब आप शहर में नहीं थे
कोई भी पार्सल
क्या ज्यादा खुबसूरत
हो सकता है
उस मधुर स्मृति से?
आपने मुझे उंगली पकड़ कर
चलना ही नहीं सिखाया
बल्कि हिम्मत और ताकत भी दी
ऊंचे आकाश में उड़ने की
हर परिस्थिति में
आपका शर्तविहीन प्यार और सहारा
आज मेरी ज़िन्दगी का संबल है
कुछ भी बड़ा नहीं हो सकता
इन सबसे-आप से
आपके जन्म दिवस पर
भेंट कर रही हूँ यह कविता
आपके लिए मेरी भावनाओं से सजी
आशा है पसंद आएगी!