भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
धवल चंदन लेप पर सित हार / कालिदास
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:42, 1 जून 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=कालिदास |संग्रह=ऋतुसंहार / कालिदास }} Category:संस्कृत ...)
|
धवल चंदन लेप पर
- सित हार उर पर डोल सुन्दर
भुजाओं पर वलय अंगद
- जघन पर रसना क्वणन कर
नितंबिनि उर अनगातुर
- में नवल-श्री भर रहे हैं
हेम कमलों से मुखों पर
- पत्र लेखन खिल रहे हैं,
स्वेद कन मुक्ता सदृश
- उस पत्र रचना में झलक चल
फेल जाते हैं, नया
- उन्माद नयनों में समाकुल
प्रिये मधु आया सुकोमल!