भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
घड़ा / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:52, 11 मई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह=द...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
घड़ा
कच्चा था
उतरी थी
जिसके सहारे
दरिया में
डूबना
ही
था।