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उद्बोधन गीत / बिहारीलाल कल्लू
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ऐ हिन्दुओं, जरा स्वाभिमानी बनो,
वेद-रक्षक बनो, और ज्ञानी बनो। ऐ हिन्दुओ।
हिन्दू धर्म का आज कोई सानी नहीं,
कर्म करते, अहिंसा के मानी बनो। ऐ हिन्दुओ।
शील सदगुण साक्षात मूर्ति हो तुम,
माता-पिता और गुरु के पुजारी बनो। ऐ हिन्दुओ।
नित्य सन्ध्या हवन और पूजा करो,
योग साधना करो ईश ध्यानी बनो। ऐ हिन्दुओ।
निर्बलों और गरीबों के रक्षक हो तुम,
शक्तिशाली अटल सूरीनामी बनो। ऐ हिन्दुओ।
माँस मदिरादि दुर्गुण से बचकर रहो,
सदगुणों की जहाँ में निशानी बनो। ऐ हिन्दुओ।
कोई नंगा रहे और न भूखा रहे
ध्यान इसका रखो, धन के स्वामी बनो। ऐ हिन्दुओ।
स्वर्ग धरती को कल्लू बनाते चलो,
बेजुबानों की तुम जिन्दगानी बनो। ऐ हिन्दुओ।