Last modified on 26 मई 2017, at 15:30

प्रबल कलियुग / मुंशी रहमान खान

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:30, 26 मई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुंशी रहमान खान |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कलियुग यहि संसार में प्रबल जानियो भूप।
हिन्दू मुस्लिम कर दिए दोनहुँ एकै रूप।
दोनहुँ एकै रूप मूँछ दाढ़ी मुड़वाई।
कर दिये जाति कुजाति नहीं कोई चिन्ह दिखाई।
कहैं रहमान धर्म नाहिं त्यागैं धर्म धुरन्धर कोई युग।
सत्युग त्रेता द्वापर जीते जीत लिहैं कभी कलयुग।