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सत्य की ज्योति / सन्ध्या भग्गू
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सत्य की ज्योति
जब सामने आए
समाज की ताकत बनकर सही रास्ता
देश में दिखाए
परन्तु जब!
भ्रष्टाचार बढ़ जाए तो
देश और जाति
दोनों को डुबाए।
देश और समाज में
सच्चाई से काम करना
चोला रहे या न रहे। लेकिन!
नाम रह जाता है
जैसे काम-वैसे ही नाम।