Last modified on 27 मई 2017, at 15:59

घाँठोॅ-घोॅर / नवीन ठाकुर 'संधि'

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:59, 27 मई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवीन ठाकुर 'संधि' |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

छेलोॅ युग खाय छेल्हां असली,
आयलोॅ युग पाय छीं नकली।

घोर-घांठोॅ मिलाय केॅ खाय लेलां नोन,
मडुआ रोटी पर शोभै छेलोॅ मछली रोॅ तियोन।

आवेॅ दूधोॅ में मिलाय छै पानी,
देखोॅ माय केॅ कहै छै मम्मी।
आवेॅ समय गेलै निकली
छेलोॅ युग खाय छेलां असली।

लहारी दाली रोॅ गेलोॅ महक,
देखोॅ घीयोॅ रोॅ गेलोॅ गमक।
मनोॅ में जागै छै
बढ़ियां चीज सब्भैॅ चाहै छै।
कहै छै ‘‘संधि’’ दुनिया यही में बिकली,
छेलोॅ युग खाय छेलां असली।