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हिँडाइ / धिरज राई
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जब-जब तिमी
मेरो छेवै भएर जान्थ्यौ,
तिम्रो हिँडाईको बहावसँग बयली खेलिरहन्थ्यो मुटु ।
तर अहँ,
कहिल्यै सोधिन त्यो हिँडाइलाई
मसँग आँखा जुध्दा बिग्रिने चालको रहस्य |