Last modified on 9 जून 2017, at 18:17

जलम : अेक / विरेन्द्र कुमार ढुंढाडा़

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:17, 9 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विरेन्द्र कुमार ढुंढाडा़ |अनुवा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जलम म्हारो
मायतां रै हेत
बाजी थाळी
बंट्या लाडू
गइज्या गीत
मा हरखी
जाणै
मिलगी जीत
जीसा री मूंछ
होई ऊंची
भायां री चिंता
सांभी अंटी
पंपोळी कूंची
अब बंटसी
लाड अर लिछमी।

आज बंटग्यो घर
जकै रो
जलम री बगत
जाबक नी हो डर।