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तोरोॅ सपनौंह में ऐबोॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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तोरोॅ सपनौंह में ऐबोॅ बहार लागतै।
गलाँ-गलाँ मिलबोॅ गुलजार लागतै।
रंग-रंग के खाना खिलैभौं यहाँ,
सजैलॅ पलंग पर सुतैभौं यहॉ
गपशप में होय जैतै सच्चें में भोर,
सुरभित समूचे संसार लागतै।
तोरोॅ सपनौंह में ऐबोॅ बहार लागतै।
गलाँ-गलाँ मिलबोॅ गुलजार लागतै।
सुन्दर सें सुन्दर सजैभौं यहाँ,
काजर महावर लगैभौं यहॉ।
मन पसन्द बिंदिया लगैभौं प्रिये
बाँही रॅ झूला मजेदार लागतै।
तोरोॅ सपनौंह में ऐबोॅ बहार लागतै।
गलाँ-गलाँ मिलबोॅ गुलजार लागतै।
रंग-रंग केॅ गीत सुनैभौं यहाँ
केनाँ केॅ बचलियौ बतैभाैं यहाँ।
तोरहो सें सुनबै वहाँ करेॅ कथा,
ऊपर सें बरसलें हरसिंगार लागतै।
तोरोॅ सपनौंह में ऐबोॅ बहार लागतै।
गलाँ-गलाँ मिलबोॅ गुलजार लागतै।

15/07/15 अपराहन 4.10 बजेे