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केनाँ तरबै / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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मोॅन करै छै लिखतें रहियै?
तोरे प्रेम कहानी।
भूख प्यास कुछ नैं लागै छै
हे! मन-मंदिर केॅ रानी।
सदा निहारै छौ फोटो सें
मतुर नैं कुछ बोलै छौॅ।
कखनी सूतै छौ, नै मालूम
कहाँ कभी मुँह खोलै छौ।
दक्षिण, पश्चिम नया पुरनका
तोरो फोटो लागलैॅ छै।
निर्निमेश देखै छौ हरदम
लगै हमेशा जागले छौ।
रोज बोलाना खाय लेल आबोॅ
कहाँ कभी भूलै छीयै।
पति रेॅ धर्म निभाना छैजी!
साथ सदा झूलै छीयै।
चलतें फिरतें नजर मिलै छै,
केनाँ भूलौबै सें बोलोॅ?
कव तॉय रहभौ गुमसुम तोहे।
छोड़ँ रूसबोॅ मुँह खोर्ल।
सदा सुहागिन केॅ पद मिललौंह
हम्में केनाँ मरवै केॅ होयतै
वै दिन समय मिलै केॅ होयतै
वै दिन हम्में तरबैॅ जी।

16/07/15 सायं 5 बजे