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एक साल तॅ बीती गेलै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
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एक साल तॅ बीवी गेलै
आय ताँय नैं अयलेहॅ जीं।
लागै छै रूसी बैठली छॅ,
राहे कहीं भूलै लेहॅ जी।
पता ठिकानों कुछ नैं तोरोॅ
केनाँ गीत सुनैहिहौं जी?
ढेर सिनी रचलोॅ रखलोॅ छै
केनाँ कहोॅ पठैहिहौं जी?
ई रंग तों भूलेॅ नैं पारोॅ
की छै बात बताबोॅ जी?
प्रभु सें कही केॅ आबोॅ तोंहीं
या हमरैह वहीं बोलाबोॅ जी।
कटियो टा नैं मौॅन लागै छै
जिनगी केनाँ बितैइयै जी?
रात-रात भर नींद न आबै
केकरा कही सुनैइयै जी?
बिकट समस्या घेरनें हमरा
कोय कुछ नैं पतियाबै जी।
बूढ़ा बुजुर्ग कथी लें कानतै?
फुसुर-फुसुर बतियाबै जी।
बड़ी लाज लागै छै हमरा
केनाँक लोर छिपैइयै जी?
कहिनै कानै छौॅ तोंय बाबा?
नून केॅ की कहियै जी?
17 जनवरी, 2016