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फुल रोयो आज / सुरेन्द्र राना
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फुल रोयो आज, जून रोयो आज
तिमी रुँदा गीतको धुन रोयो आज
हाँसो लुटेर सायद, आँसु सँधै रमाउँछ
तिमी रुँदा आँखाको आँसु रोयो आज
तिम्रो व्यथा लेखी कविता बनाई सुनाउने
तिमी रुँदा कविताको कवि रोयो आज ।