भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोसिका-कोसिका पुकारै / अंगिका

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:19, 23 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अंगिका }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कोसिका-कोसिका पुकारै
कोसिका मैया लोभीत हे
अबरो के लहरा समेटोॅ
कोसिका मैया लोभीत हे
हम्में कैसे लहर समेटवै,
ऐलै मुख्य भादो हे
सातो बहिन झूमर खेलबै,
आँठमें बरेला भैया हे
गंगा-गंगा पुकरौं, गंगा मैया लोभीत हे
अबरो के लहरा समेटोॅ, गंगा मैया लोभीत हे
हम्में कैसे लहरा समेटवै, ऐलै मुख्य भादो हे
सातो बहिन झूमर खेलबै आँठवे बरेला मैया हे ।