Last modified on 23 जून 2017, at 15:23

पूजा के गीत नहीं बदले / बलबीर सिंह 'रंग'

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:23, 23 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बलबीर सिंह 'रंग' |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पूजा के गीत नहीं बदले, वरदान बदलकर क्या होगा?
तरकश में तीर न हों तीखे, सन्धान बदलकर क्या होगा?

समता के शांत तपोवन में अधिकारों का कोलाहल क्यों?
लड़ने के निर्णय ज्यों के त्यों, मैदान बदलकर क्या होगा?

मानवता के मठ में जाकर जो पशुता की पूजा करते,
प्रभुता के भूखे भक्तों का ईमान बदलकर क्या होगा?

पथ की दुविधाओं से डरकर जो सुविधाओं की ओर चले,
ऐसे पथभ्रष्ट पंथियों का अभियान बदलकर क्या होगा?

यदि फूलों में मधु-गंध न ही काँटो का चुभना बन्द न होगा,
चिड़ियों की चहक स्वच्छंद न हो उद्यान बदलकर क्या होगा?

पूजा के गीत नहीं बदले, वरदान बदल कर क्या होगा?