भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ममता का मंदिर माँ / शिवराज भारतीय
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:23, 26 जून 2017 का अवतरण
लाड़ प्यार का समंदर माँ
मोह ममता का मंदिर माँ
अच्छी-अच्छी बात बताती
लोरी गाए सुलाए माँ
धमकाती जब करें शरारत
रूठें तब पुचकारें माँ
माँ कहने से मुंह भर आता
हृदय नेह सरसाए माँ
मनुज भले बुढ़ा हो जाए
उसे समझती बच्चा माँ
सारे तीर्थ-धाम वहीं पर
जिस घर में मुस्काए माँ
माँ सम नही जगत में दूजा
परमेश्वर भी पूजे माँ
अनुवाद : राजेश्वरी पारीक ‘‘मीना’’