Last modified on 26 जून 2017, at 19:41

जूण रा इग्यारा चितराम (4) / सुरेन्द्र सुन्दरम

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:41, 26 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेन्द्र सुन्दरम |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चौदर आच्छी घणीं लागै
जे थे करो अर
म्हानै सैवणीं पड़ै
आई चौदर
चुबण लाग जावै
जे करां म्हे अर
थांनै सेवणीं पड़ै
आ बात खारी भोत है
पण बात नै तो
बात कैवणीं पड़ै।