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अलि-विलासि-संलाप / नलिन विलोचन शर्मा
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कलिका में संदेहित पुष्प
ढूंढा। नहीं पाने पर
उसका प्राण-रस
पी लिया।
- --(अलि)
xxx
मैंने कल्पित सुगंध
सूंघ कर उसे
बटन-छिद्रित किया।
अब परिमृदित पड़ी है।
- --(विलासी)
xxx
कैसी अलौकिक यंत्रणा
पाई, तुम दोनों से,
मूर्खों, मुझ पर दया दिखाते!
- --(कलिका)