भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चर-भर / मधु आचार्य 'आशावादी'

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:29, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= मधु आचार्य 'आशावादी' |संग्रह=अमर उ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कुरसी री चर-भर रमै
नेताजी रोज
नूंवी-नूंवी चालां जोवै
लेय आवै खोज
उण री मां माथै करिया सवाल
तो उण सूं करायो
धरम रै नांव माथै बवाल।
इण खेल रा हा
बै पक्का खिलाड़ी
पण दिखावै मांय
बण्या रैवता अनाड़ी।
इणी खातर आज तांई
बां री कुरसी ही सलामत
चर-भर सूं बै करता
फगत
लोगां री ई हजामत।