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कच्चे आमों जैसा खट्टा / गिरधारी सिंह गहलोत

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कच्चे आमों जैसा खट्टा
कभी शहद सा होता जीवन
   
पाया जीवन है जिसने भी
पल पल देनी पड़े परीक्षा
कैसे भी हालात किसी के
जीवन की मत करें उपेक्षा
करते अगर भ्रूण की हत्या
या करते हत्या अपनी तुम
पाप हमेशा कहलायेंगे
न्याय करेगा अगर समीक्षा
अपनी नादानी के कारण
क्यों करते खिलवाड़ मनुज तुम
मिटटी के सम ठोकर मारो
क्या इतना है सस्ता जीवन
   
कच्चे आमों जैसा खट्टा
कभी शहद सा होता जीवन
   
माना मन को विचलित करते
जीवन में तूफान सभी को
कभी कभी ही लगे निरंतर
ये जीना आसान सभी को
कंटक बन कर चुभते रहते
विकट कई हालात जगत में
हुए उपस्तिथ ऐसे मंजर
जो करते हैरान सभी को
लाख नज़र आती कठिनाई
हमें बचाना इसको फिर भी
मिला ईश से वर जो सुंदर
पुष्पों का गुलदस्ता जीवन
   
कच्चे आमों जैसा खट्टा
कभी शहद सा होता जीवन
   
अगर आपके जीवन में सुख
कूट कूट कर भरे पड़े हैं
दीन दुखी को बांटो थोड़े
ग़म से जो अधमरे पड़े हैं
जिनका नहीं जगत में कोई
पालन हारा सिवा ईश के
भांति भांति के जख्म अभी तक
जिन लोगों के हरे पड़े हैं
इसमें भी संतोष मिलेगा
और मिलेगी सदा दुआएं
औरों के आँगन यदि देखो
 जीता हँसता गाता जीवन
   
कच्चे आमों जैसा खट्टा
कभी शहद सा होता जीवन