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कारू पांती / ओम पुरोहित ‘कागद’

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जूण री गाडी खींचण
आखै दिन हांड्या
खट-खट खूट्या हाड
होठां फेफी
गाभां बूफण
बाळी तावड़ै चाम
बाद खोरसै
ढळलै तारां
काम करणियां सूं
बेसी पण लेयग्या
काम करावणियां दाम!

लाज-सरम
धरम-करम
कानून-कायदा
कारू पांती
बंारै पांती
फगत फायदा
बां री रुखाळी
दमड़ी माता
कारू रुखाळो
फगत अदीठो राम!