भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बगत : अेक / ओम पुरोहित ‘कागद’

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:34, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बगत बदळतां
बगत नीं लागै
पण फेर भी
बदळे बगत
बगतसर ई!

कियां बदळै
आंख्या साम्हीं
थिर लागतो ओ बगत
बतावण रो
बगत ई नीं मिलै
किणीं बगतपाळ नै!