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छोरी : अेक / ओम पुरोहित ‘कागद’
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पैली बार बणाई
रोटी नीं बणी
मा दाईं गोळ
मा झिड़की
बळयो बाळण जोगो
थांरो डोळ
परनै बळ रसोई सूं
कमकसू डफोळ!