भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आणंद / दुष्यन्त जोशी
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:05, 29 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
चिड़ी री बोली
चिड़ी रा बचिया जाणै
अर
बचियां री बोली
जाणै चिड़ी
कांई ठाह
कांईं बात करै
कांईं कैवै
पण
मायड़ भासा रौ आणंद
निरवाळौ हुवै।