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दुनियादारी / रंजना जायसवाल
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प्रेम के
रूमानी सपने
अंतत:
बन जाते हैं
रोज़मर्रा के
हिसाब-किताब
जानता है हर दंपति
फिर भी झेल जाता है
दुनियादारी प्रेम से