भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पति पत्रकार / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:24, 4 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह=ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
एक-एक कर
टूटते गए
जवानी के सपने
कटते गए
धीरे-धीरे
रिश्तेदार
हितैषी
मित्र सैर-सपाटे
थियेटर
बन गए
मुंगेरी लाल के हसीन सपने
ताकती रही रात-रात भर
आशंकाओं से ग्रस्त हृदय लिए
दरवाजे की ओर
मिली प्यार –मनुहार की जगह
चिड़चिड़ी फटकार
जी हाँ,
पति था पत्रकार