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सोना मैडम / गौरव पाण्डेय
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बहुत अच्छी हैं
सोना मैडम !
मुस्कराहट की उपमान
या मुस्कुरा रहे हों आप ही।
विद्यार्थियों के बीच
फेवरिट है
उनकी सादगी
उनका अपनापन
और उनकी स्नेहिल मुस्कान।
सहयोगी अध्यापकों की जिज्ञासाओं पर
मुस्कराहट के अबूझ राज़ को
एक बार मुस्कुराकर
टाल जाती हैं
सोना मैडम !
उनकी तीनों नन्हीं बेटियाँ
पढ़ती- खेलती
और मुस्कुराती हैं उन्हीं की तरह
चुप रहती हैं।
सोना मैडम
बहुत प्यार से समझाती हैं बच्चों को
गलतियों पर पीटती नहीं
पिटाई को सोचकर
घर लौटते हुए
काँप जाती हैं सोना मैडम...