Last modified on 28 अगस्त 2017, at 11:25

इज़्ज़तपुरम्-3 / डी. एम. मिश्र

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:25, 28 अगस्त 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अनेक छिद्रयुक्त
आसमान जैसी
औंधी
अँटकी
कमलिया की
मड़ई

सिर पर
घहराती
बारिश खड़ी

एक हाथ से
यह पहाड़ भी
उठाना उसे

वरना
करमू
ठंड और बारिश में
और भी
कराहेगा
खाँसेगा
हालेगा फेफड़ा
तो घर पूरा
उठा लेगा सिर पर
भूख के जाल में
जन्मे
दो काफी थे
छोटई
भूल का
नतीजा है

बड़ी औलाद का
कच्चा कंधा भी
तगड़ा दिखायी दे

माँ
उत्साह से बखाने
गुलाबो
बेटी नहीं
बेटा है
दाहिना हाथ है