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याद मुझे है अब तक / देवी नागरानी

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वो अदा प्यार भरी याद मुझे है अब तक,
बात बरसों की मगर कल की लगे है अब तक|

हम चमन में ही बसे थे वो महक पाने को,
ख़ार नश्तर की तरह दिल में चुभे है अब तक|

जा चुका कब का ये दिल तोड़ के जाने वाला,
आखों में अश्कों का इक दरिया बहे है अब तक|

आशियां जलके हुआ राख, ज़माना गुज़रा,
और रह रह के धुआँ उसका उठे है अब तक|

क्या ख़बर वक्त ने कब घाव दिये थे ‘देवी’,
वक्त गुज़रा है मगर खून बहे है अब तक|