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स्मृति शेष / अविरल-अविराम / नारायण झा

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बन्हने रहथि बाबा
ऊँचगर बड़का दलान
ताहिमे बनेने रहथि
बड़का मचान
आब
बचल अछि मात्र
स्मृति शेष

जगह घटैत रहनि दू धूर
तइयो की छोड़ि देने रहथि बाबा
अदलेने-बदलेने सही
पुराए लेने रहथि जमीन
मझिला खाम्ह नहि पबैत रहनि
माँगि अनने रहथि
अपन भजारसँ
खाम्ह परहक बड़ेड़ियो
नहिये रहनि अपन
ओहो भेटि गेल रहनि
बन्हा गेलनि कोनो धरानी
बड़का दलान
बनि गेल छल
एकटा बैस$ लेल मचान
होइत छल पंचैती
नहि ककरो पर केस-फौजदारी
राति बीच बिलमै छल बटोही
किछु दिनुका बाद
घोकरिया गेल मचान

तखन बनाओल गेल
बड़का-बड़का चौकी
आइ
चुबैत चारकेँ
नहि पबै छी छाड़ि
कोंकनाएल खाम्हकेँ
नहि पबै छी बदलि
आ धसल खुट्टा सभकेँ
नहि पबै छी हुड़ि
उखाड़ि-उखाड़ि
बना रहल छी जारनि
जे द$ जाइए बँटेदार
अगौं जकाँ धान
तकरा उसनि रहल छी ओहिसँ

छाउर खोरि-खोरि
ताकि रहल छी
ओ दलान, ओ मचान
की अहूँ सभ तकै छी?